माला

रूद्राक्ष माला

हिन्दू ग्रंथों के अनुसार रुद्राक्ष से बनी माला मंत्र जप के लिए सर्वश्रेष्ठ होती है। रुद्राक्ष को महादेव का प्रतीक माना गया है। रुद्राक्ष में सूक्ष्म कीटाणुओं का नाश करने की शक्ति भी होती है और रुद्राक्ष वातावरण में मौजूद सकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण करके साधक के शरीर में पहुंचा देता है। रुद्राक्ष से अलग यह माला तुलसी, स्फटिक, मोती या नगों से भी बनी होती है। प्राचीन काल से ही बड़े-बड़े तपस्वी, साधु-संत इस उपाय को अपनाते रहे हैं।

बिना दमैश्चयकृत्यं सच्चदानं विनोदकम्। असंख्यता तु यजप्तं तत्सर्व निष्फलं भवेत्।। इस श्लोक का तात्पर्य है कि भगवान की पूजा के लिए कुश का आसन बहुत जरूरी है, इसके बाद दान-पुण्य जरूरी है। जब भी मंत्र जप करें, माला का उपयोग अवश्य करना चाहिए। माला के बिना संख्याहीन किए गए मंत्र जप का भी पूर्ण फल प्राप्त नहीं हो पाता है। जो भी व्यक्ति माला की मदद से मंत्र जप करता है, उसकी मनोकामनएं बहुत जल्द पूर्ण होती हैं। मंत्र जप निर्धारित संख्या 108 के अनुसार किए जाए तो सर्व श्रेष्ठ रहता है।

लाल चंदन माला

लाल चंदन की माला के लाभ लाल चन्दन की माला सकारात्मकता प्रदान करती है। संपत्ति और समृद्धि पाने के लिए लाल चन्दन की माला धारण करनी चाहिए। इस माला पर भगवती मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करने से देवी शीघ्र प्रसन्‍न होती हैं और अपने भक्‍तों को धन और यश प्रदान करती हैं। अगर आपकी कुंडली में मंगल ग्रह कमज़ोर है और इस वजह से आपको जीवन में परेशानियां आ रही हैं तो आपको लाल चंदन की माला का प्रयोग करना चाहिए। इससे मंगल के दुष्‍प्रभाव को कम किया जा सकता है। लालं चंदन के प्रभाव मानसिक शांति मिलती है। हमसे क्‍यों लें हमारे द्वारा प्राप्त‍ की गई लाल चंदन की माला को मंगल और मां दुर्गा के मंत्रों –द्वारा अभिमंत्रित कर पूरी विधिपूर्वक पूजन कर आपके पास भेजा जाएगा जिससे जल्द ही आपके सारे कष्ट दूर होंगें।

मूंगा माला

यह खूबसूरत माला मूंगें के पत्थरों से बनायी गई है। मंगल ग्रह की शांति के लिए इस माला का प्रयोग किया जाता है। विशेषकर मेष और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए उपयोगी मानी जाती है। मूंगा एक जैविक रत्न है। यह समुद्र से निकाला जाता है। अपनी रासायनिक संरचना में मूंगा कैल्शियम कार्बोनेट का रुप होता है। मूंगा मंगल ग्रह का रत्न है। अर्थात् मूंगा धारण करने से मंगल ग्रह से सम्बंधित सभी दोष दूर हो जाते है। मूंगा धारण करने से रक्त साफ होता है तथा रक्त से संबंधित सभी दोषदूर हो जाते है। मूंगा मेष तथा वृष्चिक राषि वालों के भाग्य को जगाता है। मूंगा धारण करने से मान-स्वाभिमान में बृद्धि होती है। तथा मूंगा धारण करने वाले पर भूत-प्रेत तथा जादू-टोने का असर नहीं होता। मूंगा धारण करने वाले की व्यापार या नौकरी में उन्नति होती है। मूंगा कम से कम सवा रती का या इससे ऊपर का पहनना चाहिए। मूंगा 5, 7, 9, 11 रती का शुभ होता है। मूंगे को सोने या तांबे में पहनना अच्छा माना जाता है।

स्फटिक माला

स्फटिक जिसे बिल्लौर भी कहते हैं। ये कई रंगों में मिलता है व पारदर्शी होता है, अतः पारदर्शी माला भी कहते हैं। यह स्मृद्धि, धन, लक्ष्मी आगमन हेतु सर्वश्रेष्ठ होती है। इसे सौम्य व शुभ सात्विक कार्यो में प्रयोग करते है। यह देवी, शिव व चन्द्र को प्रिय है। अतः वशीकरण, शान्ति, कर्म व समृद्धि हेतु इसे धारण करना सर्वश्रेष्ठ होता है। स्फटिक की माला को विधिवत पूजन करके गले में धारण करने से धीरे-धीरे धन में वृद्धि होने लगती है। जिस व्यक्ति के उपर लगातार ऋण का बोझ बढ़ रहा हो वह व्यक्ति घर के ईशान कोण में जल का कलश रखकर स्फटिक माला जल में रखें व शुक्रवार को लक्ष्मी जी की आराधना करने से लाभ अवश्य मिलेगा। मानसिक तनाव दूर करने व शीतलता प्रदान करने के लिए स्फटिक की माला से कम से 1008 मन्त्रों का जाप करके इस माला को गले में पहने से चमत्कारिक लाभ मिलता है। स्फटिक की माला शुक्र ग्रह से सम्बन्धित होती है। यदि आपका शुक्र ग्रह कमजोर है या फिर पीड़ित तो शुक्रवार के दिन स्फटिक की माला से ''ऊॅ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः'' मन्त्र की कम से कम एक माला जाप जरूर करें। ऐसा करने से धीमे-धीमे आपका शुक्र मजबूत होकर अच्छा फल देने लगेगा। घर में क्लेश मिटाने के लिए स्फटिक की माला से पार्वती जी के इस मन्त्र ''ऊॅ गौरये नमः'' का जाप करें और इसी माला को गले में धारण करें। यह उपाय श्रद्धापूर्वक करने से अवश्य लाभ मिलता है। विद्या प्राप्ति के लिए सरस्वती जी के इस ''ऊॅ ऐं'' मन्त्र का स्फटिक की माला से जाप करने से विद्या के क्षेत्र में अपार सफलता मिलती है। जिन लोगों को उच्च रक्त या अधिक क्रोध आता है उन लोगों को स्फटिक की माला पहनने से अत्यन्त लाभ मिलता है। जिन पति-पत्नियों में आपसी झगड़ा अधिक होता है और प्रेम न के बराबर है। ऐसे में पति-पत्नी दोनों लोगों को एक-एक स्फटिक की माला पहनने से आपसी पे्रम में वृद्धि होती है।

तुलसी माला

भारतीय संस्कृति विभिन्न मान्यताओं, परंपराओं, विश्वासों, सामाजिक और धार्मिक रीति-रिवाजों से परिपूर्ण है। भारतीय संस्कृति जैसी कोई अन्य मिसाल सम्पूर्ण विश्व में मिलना मुश्किल है। इसी संस्कृति के बहुत से मांगलिक प्रतीकों में एक अभिन्न अंग है तुलसी माला। धार्मिक क्रियाओं में तुलसी के पौधे, तुलसी के पत्तों एवं तुलसी माला का व्यापक प्रयोग होता है। तुलसी की महिमा बताते हुए भगवान शिव नारदजी से कहते हैं – पत्रं पुष्पं फलं मूलं शाखा त्वक स्कन्धसंज्ञितम। तुलसीसंभवं सर्वं पावनं मृत्तिकादिकम।। अर्थात तुलसी का पत्ता, फूल, फल, मूल, शाखा, छाल, तना और मिट्टी आदि सभी पावन हैं। तुलसी की माला धारण करने के पीछे भी वैज्ञानिक मान्यता है। वैज्ञानिकों का कथन है कि होंठ और जीभ का प्रयोग कर निरन्तर जप करने से साधक की कंठ-धमनियों को अधिक कार्य करना पड़ता है, जिसके फलस्वरूप कंठमाला, गलगंड आदि रोग होने की आशंका होती है। इसके बचाव के लिए तुलसी की माला पहनी जाती है। तुलसी अपने गुणों से कंठ को दुरुस्त रखती है। इसकी माला पहनने वाले के चारों ओर चुम्बकीय शक्ति विद्यमान होने के कारण आकर्षण और वशीकरण शक्ति आ जाती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। तुलसी की माला धारण करने के संबंध में शालिग्राम पुराण में कहा गया है – भोजन करते समय तुलसी की माला का गले में होने से अनेक यज्ञों का पुण्य प्राप्त होता है। जो कोई तुलसी की माला धारण करके स्नान करता है उसे गंगा स्नान जैसे सारी नदियों के स्नान का फल प्राप्त होता है।

हल्दी-माला

इस माला को हरिद्रा की गांठ से निर्मित किया जाता है। इस माला का विशेष उपयोग पीतांबरा देवी, बगलामुखी मंत्र के जप-अनुष्ठान में किया जाता है। हल्दी की माला विशेषकर धनु एवं मीन राशि वाले जातकों के लिए उपयोगी मानी गई है। हल्दी की माला भाग्य दोष का हरण करती है। हल्दी की माला धन एवं कामना पूर्ति और आरोग्यता के लिए श्रेष्ठ है। ऐसा माना जाता है कि पीलिया से पीड़ित व्यक्ति को हल्दी की माला पहनाने से पीलिया समाप्त हो जाता है। यदि गुरु को बलवान बनाना है तो यह माला धारण करें। इसको धारण करने से गुरु ग्रह संबंधित सभी दोष नष्ट हो जाते हैं। भगवान गणेश की उपासना के लिए हल्दी और दूब की माला लाभकारी होती है और बृहस्पति के लिए हल्दी या जीया पोताज् की माला का प्रयोग करें। शत्रु बाधा निवारण के लिए इस माला पर बगलामुखी देवी के मंत्र का जाप किया जाता है। बृहस्पति ग्रह के मंत्र का जाप करने से भी शुभ फल प्राप्त होता है।

हल्दी माला हल्दी से बनाया जाता है जिसके अपने अनेक स्वास्थ्य लाभ है| यह माला धारक के लिए शुभ तो है ही साथ ही उनकी इच्छाओं को भी पूर्ण करती है| विरोधियों पर विजय पाने के लिए यह माला विख्यात है| कानूनी लड़ाई में भी जीत हासिल करने के लिए हल्दी माला बहुत ही उपयोगी है|