यंत्र

बगलामुखी यंत्र

माँ बगलामुखी स्तंभव शक्ति की अधिष्ठात्री मानी जाती हैं. यह अपने भक्तों के भय को दूर करके शत्रुओं और बुरी शक्तियों का नाश करती हैं. माँ बगलामुखी यंत्र धार्मिक कार्यो में शुभ माना जाता है. धर्मशास्त्रो के अनुसार बगलामुखी यंत्र तत्काल लाभ देने वाला होता है, यह यंत्र स्तम्भन करने हेतु उपयोग में लाया जाता है, इस यंत्र के प्रयोग से प्रेतबाधा व यक्षिणीबाधा का नाश होता है. यह यंत्र मनोवांछित फल देने वाला होता है यह यन्त्र अन्य कार्यो के लिए भी काफी उपयोगी माना जाता है बुरी शक्तियों से बचाव तथा कार्यों में उन्नति के लिए इस यंत्र को उपयोग में लाया जाता है. मान्यता है कि बगलामुखी यंत्र व्यक्ति को परेशानियों से निवारण तथा जन्म और मृत्यु के चक्र से निकाल कर मुक्त भी करता है. बगलामुखी यंत्र पूजा | Baglamukhi Yantra Puja बगलामुखी यंत्र को उपयोग में लाने से पूर्व इसे पंचामृत से स्नान कराया जाना चाहिए. मंदिर में स्थापित कर अष्ठसुगंध या कुन्दा फूल, नारियल, अक्षत हल्दी इत्यादि से पूजा करनी चाहिए. इसकी पूजा में उचित मंत्र जप करना चाहिए तथा यंत्र को अभिमंत्रित किया जाना चाहिए क्योंकि इस प्रक्रिया से यंत्र मे दिव्य शक्ति का संचार होता है. बगलामुखी यंत्र स्थापना क्रिया रात मे करनी चाहिए इस समय यंत्र की उर्जा अधिक शक्तिशाली और प्रभावी होती है. इसका निर्माण महाशिव रात्रि, होली अथवा दीपावली के दौरान बेहतर होता है. बगलामुखी देवी रत्नजडित सिहासन पर विराजती होती हैं रत्नमय रथ पर आरूढ़ हो शत्रुओं का नाश करती हैं. देवी के भक्त को तीनो लोकों में कोई नहीं हरा पाता. वह जीवन के हर क्षेत्र में सफलता पाता है.

बगलामुखी यंत्र लाभ | Baglamukhi Yantra Benefits बगलामुखी महायंत्र की शक्ति का उपयोग शत्रु को परास्त और नियंत्रित करने के लिए किया जाता है. बगलामुखी यंत्र विजय प्राप्त करने,कानूनी कार्यवाही, कोर्ट कचहरी और मुकद्दमों में सफलता पाने के लिए किया जाता है. बगलामुखी की साधना में नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक होता है. बगलामुखी साधना के लिए सूर्य मकर राशिस्थ हो, मंगलवार को चतुर्दशी का दिन सर्वश्रेष्ठ माना गया है. क्योंकि इसी अर्द्धरात्रि के समय देवी श्री बगलामुखी प्रकट हुई थीं. माता के मंत्र जाप में “ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुध्दिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा।”मंत्र का जाप करना चाहिए.

गणेश यंत्र

भगवान गणेश सर्वप्रथम पूजनीय माने जाते हैं। भगवान शिव की तरह वह भी भोले हैं, तथा उनकी दया दृष्टि पानाबेहद आसान है। श्री गणेश यंत्र (Shree Ganesh Yantra) एक ऐसा चमत्कारी यंत्र है, जिसकी सहायता से जातकके जीवन पर सदा गणेश जी की दया दृष्टि बनी रहती है। माना जाता है कि गणेश यंत्र (Shree Ganesh Yantra) के प्रभाव से जातक के कार्यों में आने वाली बाधाएं स्वयं ही समाप्त हो जातीं हैं। गणेश यंत्र का उपयोग (How to Use Ganesh Yantra) मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन इस यंत्र की स्थापना करना शुभ होता है। लाल पुष्प (फूल) व मोदक (लड्डू) के भोग से इस यंत्र की प्रतिदिन पूजा करने से जातक के जीवन में खुशियों के द्वार खुल जाते हैं तथा निःसंतान दंपत्तियों को संतान प्राप्ति होती है। गणेश यंत्र की स्थापना व प्रभाव (Installation & Effects of Ganesh Yantra) गणेश यंत्र का स्वामी भगवान गणेश को माना जाता है, जिसके पूजन से बौद्धिक विकास व जीवन में सकारात्मकता प्राप्त होती है। इस पवित्र यंत्र की सहायता से समस्त दुष्प्रभावों को निरस्त कर, एक सफल इंसान बन सकते हैं। गणेश यंत्र दिव्य शक्तियों द्वारा सभी मुसीबत को दूर करता है। इसलिए इस यंत्र की स्थापना पूजा वाले स्थान पर विशेष पूजन द्वारा की जाने चाहिए। गणेश यंत्र की स्थापना के लिए मंत्र (Mantra for Ganesh Yantra) गणेश यंत्र के बारे में कहा जाता है कि यह मात्र 11 बार ॐ गं गणपतयै नम: बोलने से ही सिद्ध हो जाता है, लेकिन कई जगह वर्णित है कि श्री गणेश यंत्र को कम से कम 11,000 श्री गणेश मंत्रों ("ॐ गं गणपतयै नम:") द्वारा अभिमंत्रित होना चाहिए। इसलिए गणेश यंत्र की स्थापना करते समय किसी सुयोग्य पंडित से सलाह अवश्य लें। नोट: गणेश यंत्र की स्थापना करते समय किसी सुयोग्य पंडित से सलाह अवश्य लें.

कुबेर यंत्र

कुबेर यंत्र के लाभ कुबेर महाराज आपके धन को दूसरों की बुरी नज़र से बचाकर संचित कर के सुरक्षित रखते हैं। कुबेर यंत्र के प्रभाव से आपकी आय के मार्ग प्रशस्‍त होते हैं। अनेक मार्गों से आपको धन की प्राप्‍ति होती है। व्‍यापारियों के लिए यह यंत्र अत्‍यंत लाभकारी सिद्ध होगा। इस यंत्र से व्‍यापारियों की आय में वृद्धि होगी। कोई नया बिजनेस शुरु करने की सोच रहें तो आपके लिए यह यंत्र काफी मंगलकारी सिद्ध होगा। कैसे करें पूजा अपने घर के पूजन स्‍थल पर पूर्व दिशा में मंगलवार या शुक्रवार के दिन इस यंत्र को स्‍थापित करें। इस यंत्र की दाईं ओर एक कलश की भी स्‍थापना करें। कलश पर कुमकुम और चंदन का मिलक लगाएं। यंत्र पर चंदन का टीका लगाएं और ध्‍यान रहे कोई भी व्‍यक्‍ति इस पर बेवजह हाथ न लगाए। हमसे क्‍यों लें कुबेर यंत्र को हमारे पंडितजी द्वारा अभिमंत्रित कर के आपके पास भेजा जाएगा जिससे आपको शीघ्र अति शीघ्र इसका पूर्ण लाभ मिल सके।

महामृत्युंजय यंत्र

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjaya Yantra) का जाप अकाल मृत्यु के योग को भी दूर कर देता है। भगवान शिव के इस मंत्र को सबसे शक्तिशाली माना जाता है। सदियों से इस मंत्र का वर्णन अलग-अलग वेदों और पुराणों में किया गया है। मंत्र के साथ कई लोग महामृत्युंजय यंत्र की पूजा भी करते हैं। महामृत्युंजय यंत्र का उपयोग (How to Use Mahamrityunjaya Yantra) मृत्युंजय का अर्थ होता है मृत्यु पर विजय। इस यंत्र की पूजा करते समय पूर्व की दिशा में मुख कर कुशा आसान धारण करना चाहिए। इस यंत्र की पूजा और आराधना के लिए महामृत्युंजय मंत्र का प्रयोग किया जाता है। महामृत्युंजय यंत्र की स्थापना व प्रभाव (Effects of Mahamrityunjaya Yantra) महामृत्युंजय यंत्र को शुद्धिपूर्वक व विशेष विधि द्वारा स्थापित किया जाता है। इस यंत्र को स्थापित करने से पूर्व किसी सुयोग्य ज्योतिष व पंडित से सलाह अवश्य लें। माना जाता है कि महामृत्युंजय मंत्र के साथ महामृत्युंजय यंत्र की पूजा करने वाले जातक का काल भी कुछ नहीं बिगाड़ सकती है। महामृत्युंजय यंत्र की पूजा करने से मृत्यु का भय खत्म हो जाता है, तथा गंभीर बीमारियों से भी मुक्ति मिलती है।

मुकदमा यंत्र

कुंडली में मांगलिक दोष होने की वजह से अकसर लोगों की शादी-ब्याह, संतान प्राप्ति आदि में समस्याएं आती हैं। इस दोष से बचने के यूं तो कई उपाय है लेकिन सबसे बेहतरीन उपाय मंगल यंत्र की स्थापना और पूजा को माना गया है। मंगल यंत्र का उपयोग (How to Use Mangal Yantra) मान्यता है कि अगर कुंडली में मंगल अशुभ हो तो उसे भी मंगल यंत्र की पूजा द्वारा सही किया जा सकता है। मंगल यंत्र को लाल वस्त्र अथवा ताम्रपत्र या भोजपत्र पर लाल स्याही से बनाना बेहद शुभ माना जाता है। मांगलिक दोष (Mangalik Dosha Yantra in Hindi) निवारण के लिए इस यंत्र के साथ हनुमान जी की पूजा करना परमावश्यक है। मंगल यंत्र की स्थापना व प्रभाव (Installation & Effects of Mangal Yantra) मंगल यंत्र को शुद्धिपूर्वक व विशेष पूजन विधि द्वारा स्थापित किया जाता है। इस यंत्र की स्थापना करने से पहले किसी अच्छे पंडित या ज्योतिष से सलाह जरूर लें। मंगल यंत्र का पूजन करने से आर्थिक, शारीरिक व बौद्धिक विकास होता है। रक्त संबंधी बीमारियां खत्म हो होती हैं, तथा जीवन में सफलता प्राप्त होती है।

संतान गोपाल यंत्र

आधुनिकता के इस दौर में तमाम चिकित्सीय पद्धतियां होने के बावजूद भी विज्ञान कई निःसंतान दंपत्तियों की मदद नहीं कर पाता, लेकिन भारतीय ज्योतिष विज्ञान के अनुसार संतान गोपाल यंत्र (Santan Gopal Yantra) की पूजा करने से ऐसे दंपत्तियों को संतान सुख अवश्य प्राप्त होता है। इस यंत्र के साथ भगवान श्रीकृष्ण की बाल गोपाल की मूर्ति या तस्वीर की प्रतिदिन पूजा करनी चाहिए। संतान गोपाल यंत्र का उपयोग (How to Use Santan Gopal Yantra) देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।। संतान गोपाल मंत्र (Santan Gopal Mantra in Hindi) की 55 माला या यथाशक्ति जप और गोपाल संतान यंत्र की पूजा का एक माह में चमत्कारिक फल मिलता हैं। इस यंत्र की पूजा के साथ भगवान विष्णु को दूर्वा यानि ताजा घास और मोदक या दही- मक्खन का भोग अवश्य लगाएं। संतान गोपाल यंत्र की स्थापना व प्रभाव (Installation & Effects of Santan Gopal Yantra) संतान गोपाल यंत्र की पूजा करने से वैवाहिक जीवन बेहद सुखद होता है। यह यंत्र आपके सपनों को पूर्ण करता है, जिससे सम्पूर्ण जीवन उल्लास से भर जाता है। संतान गोपाल यंत्र का लाभ उठाने के लिए सुयोग्य ज्योतिष व पंडित से सलाह लेकर, शुद्धिपूर्वक स्थापना करनी चाहिए। इस यंत्र की स्थापना विशेष पूजन द्वारा की जाती है। । नोट: संतान गोपाल यंत्र (Santaan Gopal Yantra) के बारें में कई लोग मानते हैं कि यह तभी पूर्ण रूप से फलदायक होता है जब इसे संतान गोपाल मंत्र का 25,000 बार जाप कर सिद्ध किया जाए. लेकिन अधिकतर ज्योतिषी इसे गलत और धूर्त पंडितों की चाल बताते हैं. इसलिए संतान गोपाल यंत्र की स्थापना के विषय में किसी सुयोग्य पंडित से इसकी सरल विधि अवश्य जान लें.

सरस्वती यंत्र

कलियुग में धन सबसे अहम है, लेकिन धन से भी अहम है ‘शिक्षा’। वैदिक शास्त्र माता सरस्वती को विद्या की देवी माना जाता है। सरस्वती जी की कृपा पाने वाले जातक के जीवन में कभी अंधकार नहीं होता। सरस्वती जी की साधना का आसान तरीका सरस्वती यंत्र (Saraswati Yantra in Hindi) की पूजा है। सरस्वती यंत्र का उपयोग (How to Use Saraswati Yantra) सरस्वती यंत्र की खासियत यह है कि इसे अपने हाथों से बनाना शुभ होता है। अनार की कलम या अष्टगंध की स्याही से भोजपत्र पर यह यंत्र बना इसकी स्वयं पूजा करने से सर्वाधिक लाभ मिलता है। इस यंत्र (Saraswati Yantra in Hindi) को वसंत पंचमी के दिन स्थापित किया जाता है। सरस्वती यंत्र की स्थापना करते समयसरस्वती चालीसा (Saraswati Chalisa in Hindi)व "ऊं ग्रां ग्रीं ग्रों स: गुरूवे: नम:” मंत्र का जाप करना चाहिए। सरस्वती यंत्र की स्थापना व प्रभाव (Installation & Effects of Saraswati Yantra) सरस्वती देवी मंत्र की स्थापना व पूजन करने से एकाग्रता व बौद्धिक विकास होता है, जिससे मनुष्य सफलता प्राप्त करता है। इस यंत्र की स्थापना शुद्धिपूर्वक, विशेष पूजन-विधि द्वारा की जाती है। इस यंत्र की सिद्धि के लिए ज्योतिष मार्ग दर्शन बहुत जरूरी है। नोट: मान्यता है कि इस यंत्र का प्रभाव 4 वर्ष 4 माह तक ही रहता है इसलिए निश्चित समय अंतराल पर इसे बदलते रहें। यंत्र की सिद्धि के लिए योग्य पंडित की सलाह अवश्य लें.

कनकधारा यंत्र

हम सभी जीवन में ‍आर्थिक तंगी को लेकर बेहद परेशान रहते हैं। धन प्राप्ति के लिए हरसंभव श्रेष्ठ उपाय करना चाहते हैं। धन प्राप्ति और धन संचय के लिए पुराणों में वर्णित कनकधारा यंत्र एवं स्तोत्र चमत्कारिक रूप से लाभ प्रदान करते हैं। इस यंत्र की विशेषता भी यही है कि यह किसी भी प्रकार की विशेष माला, जाप, पूजन, विधि-विधान की मांग नहीं करता बल्कि सिर्फ दिन में एक बार इसको पढ़ना पर्याप्त है। साथ ही प्रतिदिन इसके सामने दीपक और अगरबत्ती लगाना आवश्यक है। अगर किसी दिन यह भी भूल जाएं तो बाधा नहीं आती क्योंकि यह सिद्ध मंत्र होने के कारण चैतन्य माना जाता है। यहां प्रस्तुत है कनकधारा स्तोत्र का संस्कृत पाठ एवं हिन्दी अनुवाद। आपको सिर्फ कनकधारा यंत्र कहीं से लाकर पूजा घर में रखना है। यह किसी भी तंत्र-मंत्र संबंधी सामग्री की दुकान पर आसानी से उपलब्ध है। मां लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए जितने भी यंत्र हैं, उनमें कनकधारा यंत्र तथा स्तोत्र सबसे ज्यादा प्रभावशाली एवं अतिशीघ्र फलदायी है। हम सभी जीवन में ‍आर्थिक तंगी को लेकर बेहद परेशान रहते हैं। धन प्राप्ति के लिए हरसंभव श्रेष्ठ उपाय करना चाहते हैं। विशेष : अपार धन प्राप्ति और धन संचय के लिए कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से चमत्कारिक रूप से लाभ प्राप्त होता है।

कात्‍यायनी यंत्र

जिन लोगों की लव लाइफ में परेशानियां आ रहीं हैं उन लोगों को विशेष रूप से कात्यायनी कात्‍यायनी महा यंत्र की पूजा करनी चाहिए। कात्‍यायनी महा यंत्र के लाभ जिन लोगों का विवाह नहीं हो पा रहा हो उन्‍हें कात्‍यायनी महा यंत्र की पूजा करनी चाहिए। जिनके प्रेम विवाह में बाधाएं आ रहीं हैं या माता-पिता विवाह के लिए राज़ी नहीं हो रहे हैं तो आपको कात्‍यायनी महा यंत्र की स्‍थापना से अवश्‍य ही लाभ होगा। अगर आप अपने प्रेम विवाह को सफल बनाना चाहते हैं तो आपको कात्‍यायनी महा यंत्र की पूजा से लाभ होगा। आपके वैवाहिक जीवन की सारी बाधाएं इस यंत्र के प्रभाव से दूर होंगीं। कात्‍यायनी महा यंत्र की स्‍थापना के लिए मंत्र ‘ऊं ऐं ह्रीं क्‍लीं आम् काम् कात्‍यायने नम:’ कैसे करें पूजा अपने घर के पूजन स्थल पर पूर्व दिशा में इस यंत्र को स्थापित करें। इसके आगे धूप और दीप जलाएं। कात्‍यायनी देवी की आराधना करें और उनसे आपकी लव लाइफ से जुड़ी सभी परेशानियों और बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना करें। गंगाजल छिड़क कर घी का दीया जलाएं। हमसे क्यों लें कात्‍यायनी महा यंत्र को हमारे पंडितजी द्वारा अभिमंत्रित कर के आपके पास भेजा जाएगा जिससे आपको शीघ्र अति शीघ्र इसका पूर्ण लाभ मिल सके।

दुर्गा कवच

दुर्गा सप्तशती पाठ, दुर्गा कवच, हिंदी में दुर्गा कवच, सरल और आसान भाषा में, दुर्गा कवच हिंदी में, हिंदी में पढ़े दुर्गा कवच, दुर्गा कवच हिंदी, दुर्गा सप्तशती कवच, दुर्गा कवच पाठ कैसे करें, नवरात्र में दुर्गा कवच का महत्व, नवरात्री में दुर्गा कवच का पाठ जरूर करें, दुर्गा कवच नवरात्री में है जरुरी नवरात्री देवी शक्ति को समर्पित पर्व है। जिसमें पुरे नौ दिन देवी की आराधना की जाती है। इसी दौरान दुर्गा सप्तशती के दुर्गा कवच के पाठ करने का भी विधान है। माना जाता है जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा और मन लगाकर इस कवच को पुरे नौ दिन पढता है उसे देवी माँ का आशीर्वाद मिलता है। उसे किसी का भय नहीं रहता क्योंकि माँ का यह कवच सदैव उसके रक्षा करता है। इसलिए आज हम आपके लिए सरल और हिंदी भाषा में दुर्गा सप्तशती कवच पाठ लेकर आये है। तो इस नवरात्री आप भी मन लगाकर इस पाठ को कीजिये और माँ दुर्गा का आशीर्वाद लीजिये।

कालीका कवच

श्री जगन्मंगल कवचम् काली का यह कवच भोग व मोक्ष प्रदायक, मोहिनी शक्ति देने वाला, अघों (पापों) का नाश करने वाला, विजयश्री दिलाने वाला अद्‌भुत कवच है । इसका नित्य पाठ करने से मनुष्य में अनुपम तेज उत्पन्न होता हैं, जिसके प्रभाव से तीनों ही लोकों के जीव उस मनुष्य के वशीभूत हो जाते हैं । तेज प्रभाव के गुण से युत यह कवच देवी को अतिप्रिय भी है । भैरव्युवाच काली पूजा श्रुता नाथ भावाश्च विविधाः प्रभो । इदानीं श्रोतु मिच्छामि कवचं पूर्व सूचितम् ॥ त्वमेव शरणं नाथ त्राहि माम् दुःख संकटात् । सर्व दुःख प्रशमनं सर्व पाप प्रणाशनम् ॥ सर्व सिद्धि प्रदं पुण्यं कवचं परमाद्भुतम् । अतो वै श्रोतुमिच्छामि वद मे करुणानिधे ॥ भावार्थः भैरवी बोलीं कि हे प्रभो ! मैंने काली पूजा व भावों को सुना । अब मैं काली कवच सुनना चाहती हूं । आप कृपा करके सिद्धिदायक, पवित्र, पापशामक काली कवच मुझे बताएं ।

हनुमान कवच

हनुमान कवच किसने रचा और क्या शक्ति है इसमे यह कवच स्वं भगवान श्री रामचन्द्र द्वारा रचा और पढ़ा गया है | इस हनुमत कवच का पाठ प्रभु श्रीराम ने स्वयं रावण से युद्ध करते समय किया था। हनुमान कवच श्री हनुमान कवच अपने आप में भगवान की शक्ति रखता है जिसके प्रभाव से बुराइयों पर जीत पाई जा सकती है | हनुमान भक्त इस कवच की अशीम शक्ति को जानते है | इस कवच की शक्ति को मन को एकाग्रः करके अशीम साधना से जगाया जा सकता है | यह कहा जाता है की यह महावीर हनुमान का शक्तिग्रह है | हनुमान कवच से होने वाले लाभ : इस कवच से भूत, प्रेत , चांडाल , राक्षश व अन्य बुरी आत्मायो से बचाव किया जा सकता है | यह कवच आपको टोनो टोटको से बचाता है और आपकी रक्षा करता है | काला जादू इस पर पूरी तरह पराजित हो जाता है | इस कवच का पूर्ण लाभ से जीवन के सभी शोक मिट जाते है अतः इसे शोकनाशं भी पुकारा जाता है | मूल मंत्र : इस कवच का मूल मंत्र है : ॐ श्री हनुमंते नमः इस मंत्र का उच्चारण 108 बार रुद्राक्ष की माला के साथ सच्चे मन से करे और यह उपासना संपन्न होने के बाद अपने शोक निवारण के लिए हनुमानजी से विनती करे | इसके बाद हनुमानजी को चमेली का तेल और सिंदूर चढ़ावे | साथ में यदि हनुमानजी को चोला और जनेऊ पहना सके तो और भी उत्तम है |

भगवान का अभिन्न अंगोथी

नाखून घोड़े जो घोड़े के खुर में लोहे की हड्डी पर लगाया जाता है ताकि इसे बचाया जा सके। घुड़सवारी में रखा जाने वाला कॉर्ड "यू" आकार है। जब नाल यहाँ भी है तो घोड़े की नाल में एक नया जूता लगाने के लिए यहाँ जमीन पर पीस टूटा हुआ है और टूटी हुई कॉर्ड को अंगूठी या कुछ और उपयोग में लाया गया है।

ब्लैक हार्स शू रियांग का महत्व:

ब्लैक हार्स शू अँगूठी आपके घर, ऑफिस पर रख सकती है या पवित्र क्षेत्र में या किसी भी अंगूठी में निलंबित हो सकती है।

ब्लैक हार्स शू रिंग आपके आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर सकती है।

इसमें शैतान के इरादों को मारने की शक्ति हो सकती है, जो आपके व्यवसाय को नष्ट कर सकती है।